Pahalgam Terror Attack Will Kashmir tourism suffer a major setback? People are cancelling their plans.

Pahalgam Terror Attack: कश्मीर घाटी में आतंकी अपनी कायराना हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं. मंगलवार को उन्होंने पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया जिसमें 28 लोगों की मौत हो गई. पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद से ही लोगों में दहशत का माहौल देखने को मिल रहा है. जिसका असर यह हो गया है कि लोग 4 से 5 महीने की बुकिंग तक कैंसिल कराना शुरू कर चुके हैं. इससे ये जाहिर है कि सीधा असर स्थानीय कश्मीरी लोगों और वहां की अर्थव्यवस्था पर होगा. आप इस नुकसान के आंकड़े को सोच भी नहीं सकते हैं. चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

2024 में कश्मीर घाटी में 2.35 करोड़ टूरिस्ट आए

मोदी सरकार ने जब से धारा 370 हटाया तब से कश्मीर घाटी में पर्यटकों का आना-जाना काफी तेजी के बढ़ते जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2024 में कश्मीर घाटी में 2.35 करोड़ टूरिस्ट आए , जो 2023 में 2.11 करोड़ थे. साल 2022 में 1.89 करोड़ टूरिस्ट आए थे और 2021 में कुल 1.13 करोड़ साल 2020 में 34 लाख टूरिस्ट कश्मीर घूमने आए थे. इस आंकड़े से साफ पता चलता है कि कब और कौन से साल में पर्यटकों की बढ़ोतरी हुई है. जिसके कारण वहां के स्थानीय लोगों के आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ा है.

4 से 5 महीने की सारी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कश्मीर से बड़ी संख्या में टूरिस्ट ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं लोग अगले 4 से 5 महीने की सारी बुकिंग कैंसिल करा रहे हैं. इसके कारण स्थानीय कारोबारियों और टूरिज्म को बहुत बड़ा नुकसान होगा. इसके कारण होटल उद्योग को भी बड़ा झटका लगा है. लोग होटल कैंसिल तेजी से करा रहे हैं. इस समय कश्मीर में पर्यटन अभी पीक पर है, लेकिन इस हमले के बाद से बहुत तेजी से बुकिंग कैंसिल हो रही है और होटल कारोबार पर बादल छाने शुरू हो गए हैं.

कितना पड़ेगा अर्थव्यवस्था पर असर

आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर की कुल अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी हिस्सेदारी अकेले पर्यटन की है. 2024-25 में प्रदेश की जीडीपी 7 फीसदी की तेजी के साथ आगे बढ़ रही थी. जिसमें सबसे तेजी से टूरिज्म सेक्टर की ग्रोथ शामिल थी. वहीं, कश्मीर का पर्यटन उद्योग पिछले साल 2024 में 12 हजार करोड़ रुपए का रहा था जो 2030 तक 25 से 30 हजार रुपए तक पहुंचने का अनुमान है. पिछले साल तो सिर्फ गुलमर्ग से ही 103 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व मिला था.

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