Who runs Jammu and Kashmir wheel, terrorists targeted, how will 1.63 lakh crore come.

दुनिया के सबसे खूबसूरत इलाकों में से एक जम्मू कश्मीर में आतंकियों के हमले ने एक बार फिर से घाटी को लहुलूहान कर दिया है. इस बार आतंकियों ने कश्मीर के उस हिस्से को निशाना बनाया है, जिससे उसकी इकोनॉमी का पहिया चलता है. जी हां, कश्मीर की इकोनॉमी सिर्फ एक ही चीज से चलती है और वो है टूरिज्म. अब डर इस बात का है कि अगर जम्मू कश्मीर का टूरिज्म सेक्टर बैठ गया तो प्रदेश में 1.63 लाख करोड़ रुपए का निवेश कैसे मिलेगा? इस निवेश से पैदा होने वाली करीब 6 लाख नौकरियां कैसे जेनरेट होंगी. खास बात तो ये है कि प्रदेश की इकोनॉमी कैसे दौड़ेगी जो बीते दो सालों से भारत सरकार की कुल इकोनॉमी के बराबर देखने को मिल रही थी. आइए आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर इस हमले से प्रदेश की इकोनॉमी और उसके निवेश को किस तरह से नुकसान हो सकता है.

जम्मू कश्मीर की जीडीपी

जम्मू-कश्मीर के इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 में कहा गया है कि वास्तविक रूप से केंद्र शासित प्रदेश का जीएसडीपी 2024-25 (एडवांस एस्टीमेंट) में 7.06 प्रतिशत बढ़ा है, जो काफी हद तक 2023-24 (7.08 प्रतिशत) के समान दर है. 2022-23 में जीएसडीपी में 9.31 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई थी, जबकि 2021-22 में इसमें मात्र 2.67 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली थी. वर्ष 2020-21 में जीएसडीपी वृद्धि (-)1.33 प्रतिशत और 2019-20 में (-)0.99 प्रतिशत देखी गई थी. वर्तमान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर, 2019 को अस्तित्व में आया, जब पूर्व राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित किया गया था – दूसरा लद्दाख था. वर्ष 2019-20 और 2020-21 में नेगेटिव ग्रोथ देखी गई, जिसका मुख्य कारण अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के साथ-साथ महामारी से संबंधित प्रतिबंधों के कारण इकोनॉमिक एक्टीविटी रुक ​​जाना था.

हालांकि, 2022-23 के बाद से, जम्मू और कश्मीर की इकोनॉमिक ग्रोथ नेशनल एवरेज से थोड़ी अधिक रही है, और पिछले तीन वित्तीय वर्षों में, केंद्र शासित प्रदेश की ग्रोथ औसतन 7.81 फीसदी रही है, जो नेशनल एवरेज 7.77 फीसदी से थोड़ा अधिक है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मार्च में अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि 2025-26 के लिए, यूटी के जीएसडीपी में रणनीतिक नीति उपायों, बुनियादी ढांचे के विकास और व्यापार अनुकूल पहलों से प्रेरित होकर लगभग 9.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है.

दूसरे एडवांस अनुमान के अनुसार, 2024-25 में भारत की जीडीपी में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है. 2023-24 में, जीडीपी में 9.2 प्रतिशत और 2022-23 में 7.6 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि हुई. वर्ष 2021-22 और 2020-21 में क्रमशः 9.7 प्रतिशत और (-)5.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई. और 2025-26 में, आरबीआई ने 6.5 फीसदी की ग्रोथ का अनुमान का लगाया है. जम्मू-कश्मीर के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार यूटी भारत की जीडीपी में 0.8 फीसदी की दर से सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के बाद यह आंकड़ा थोड़ा कम हो सकता है.

प्रति व्यक्ति आय में हुआ इजाफा

अनुमान है कि जम्मू-कश्मीर ने 2019-20 और 2024-25 के बीच अपने वास्तविक जीएसडीपी में 4.89 फीसदी के सीजीएआर हासिल की है, जबकि 2011-12 से 2019-20 तक 4.81 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली थी. अगर बात जम्मू और कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय (पीसीआई) की बात करें तो काफी अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है, जो 2014-15 और 2024-25 के बीच लगभग 148 प्रतिशत बढ़ी है. 2024-25 के लिए अनुमानित पीसीआई 1.55 लाख रुपए है. सर्वे में कहा गया है कि हालांकि जम्मू-कश्मीर का पीसीआई नेशनल एवरेज से नीचे है, लेकिन अंतर कम हो रहा है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर के पीसीआई का भारत के पीसीआई से अनुपात 2014-15 में 71.9 फीसदी से बढ़कर 2024-25 में लगभग 77.3 फीसदी हो गया है. मौजूदा कीमतों पर जम्मू-कश्मीर की पीसीआई 2024-25 में 10.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि पूरे भारत में यह 8.7 प्रतिशत की वृद्धि है. हाल के वर्षों (2023-24 से 2024-25) में, जम्मू-कश्मीर ने पीसीआई में मजबूत वृद्धि दिखाई है, जो नेशनल ग्रोथ रेट से ज्यादा है.

2019-20 से 2023-24 तक उत्तरी राज्यों के साथ मौजूदा कीमतों पर जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय (प्रति व्यक्ति एनएसडीपी) की तुलना करें तो जम्मू-कश्मीर की प्रति व्यक्ति आय 8.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी है, जो पंजाब (6.2 प्रतिशत), दिल्ली (6.7 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (6.0 प्रतिशत) और चंडीगढ़ (6.5 प्रतिशत) से अधिक है.

टूरिज्म और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में आई तेजी

टूरिज्म जम्मू और कश्मीर के लिए प्राइमरी इकोनॉमिक ड्राइवर है, जो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है और सर्विस सेक्टर में इकोनॉमिक एक्टीविटी को भी जेनरेट करता है. अनुमान है कि सर्विस सेक्टर का 2024-25 के दौरान जम्मू और कश्मीर के ग्रोस स्टेट वैल्यू एडेड (GSVA) ​​में 61.70 प्रतिशत का बड़ा हिस्सा होगा और रोजगार में 31.31 प्रतिशत की हिस्सेदारी होगी. सर्विस सेक्टर का साइज और ग्रोथ रेट GSDP की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि ओवरऑल इकोनॉमी में इसकी हिस्सेदारी है. सर्वे में कहा गया है कि इस सेक्टर में पर्यटन महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है और जम्मू और कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत का लाभ उठाते हुए टूरिज्म ग्रोथ की पर्याप्त संभावना है, जो कई नौकरियां पैदा कर सकता है और इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा दे सकता है.

इस बीच, 2024-25 के दौरान जम्मू-कश्मीर के जीएसवीए अनुमानों में सेकेंडरी सेक्टर का हिस्सा लगभग 18.30 फीसदी रहने का अनुमान है, जिसमें कंस्ट्रक्शन इस कैटेगिरी द्वारा जोड़े गए कुल मूल्य का लगभग 42.46 प्रतिशत है. 2023-24 के दौरान नौकरियों में 14.94 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ कंस्ट्रक्सन जम्मू-कश्मीर में एक प्रमुख इंप्लॉयर रहा है, जो जम्मू-कश्मीर में चल रहे इंफ्रा ग्रोथ और शहरीकरण प्रयासों को अंडरलाइन करता है. 2018-19 में, जम्मू-कश्मीर के जीएसडीपी में सेकेंडरी सेक्टर की हिस्सेदारी लगभग 28 फीसदी थी.

1.63 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव

आर्थिक सर्वे में यह भी कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को 1.63 लाख करोड़ रुपए (दिसंबर 2024 तक) के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे 5.90 लाख से अधिक लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलने की उम्मीद है. 2019 से दिसंबर 2024 तक जम्मू-कश्मीर में 9,606.46 करोड़ रुपए के निवेश और 63,710 लोगों को रोजगार देने वाली 1,984 यूनिट स्थापित हुई हैं. इसमें 334 यूनिट्स ने 8,443 लोगों को रोजगार देने के लिए 2024-25 में दिसंबर 2024 तक 2,977 करोड़ रुपए का निवेश किया है.

इसके अलावा, केंद्र ने 2021 में जम्मू-कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए 28,400 करोड़ रुपए के आउटले पर एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना (एनसीएसएस) शुरू की है, जिसमें पूंजी निवेश प्रोत्साहन, पूंजी ब्याज छूट, जीएसटी से जुड़े प्रोत्साहन आदि जैसे प्रोत्साहन शामिल हैं. इस पैकेज को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली और इसे पूरी तरह से सब्सक्राइब किया गया. सर्वेक्षण में कहा गया है कि रजिस्ट्रेशन की डेड लाइन सितंबर 2024 तक कुल 971 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, जो 10,471 करोड़ रुपए के निवेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो संभावित रूप से 51,897 रोजगार पैदा कर सकते हैं. इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले उद्योग स्थापित हुए हैं. सर्वे में कहा गया है कि 1.63 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावित संयुक्त निवेश और लगभग 5.90 लाख व्यक्तियों के लिए रोजगार सृजन की क्षमता वाले 8,306 नए आवेदन प्राप्त हुए हैं.

Leave a Comment